PUBLICATION: NAV BHARAT TIMES
Date: 27 March, 2022
31 से पहले निपटा दें ये काम
फाइनेंशियल ईयर 2021-22 सिर्फ 4 दिन में खत्म हो रहा है। अगर अब तक किसी दूसरे काम में उलझे रहे हैं और पर्सनल फाइनेंस के लिए जरूरी चीजों पर ध्यान नहीं दे पाए तो हम आपको इन कामों के बारे में विस्तार से बताते हैं ताकि अपने पैसे बचाने का कोई मौका हाथ से ना जाए :
मार्च का महीना फाइनेंशियल का आखिरी महीना होता है , अगर इनकम टैक्स या इंवेस्टमेंट से जुड़ा आपका कोई काम बाकी रह गया है तो जल्द से जल्द निपटा दें। इसके अलावा अगर आपने अगले साल के लिए टैक्स सेविंग की प्लानिंग की है तो भी कुछ जरूरी काम करने होंगे , इसके लिए भी यही सही वक्त है। यहां हम बता रहे हैं कि आप कौन से काम जल्द से जल्द निपटा लें।
पेंडिंग ITR भर दें
अगर आपने पिछले फाइनेंशियल ईयर 2020-21 की इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं कर पाई तो आपके पास आखिरी मौका बचा है , इसे 31 मार्च 2022 तक जरूर जमा करवा दें , लेकिन इसके साथ लेट फीस भी देनी होगी। अगर रिवाइज्ड ITR यानी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर रहे हैं तो ध्यान रखें कि कोरोना की वजह से सरकार ने 2020-21 के लिए अपडेटेड ITR भरने की आखिरी तारीख 31 मार्च 2022 तय की थी। अगर अब भी रिवाइज्ड ITR भरने से चूक गए हैं तो उस साल की इनकम टैक्स भरने का अब कोई मौका नहीं मिलेगा।
एडवांस टैक्स भर दें
एडवांस टैक्स को सालभर में हर तिमाही में 4 किस्तों में 15%, 30% और 25% अदा किया जाना चाहिए। अगर आपने 15 मार्च तक टैक्स नहीं जमा कराया तो 31 मार्च से पहले जमा कर दें , ऐसा ना करने पर बकाया रकम पर ज्यादा ब्याज भरना होगा। वैसे तो ये प्रोफेशनल्स के लिए है , पर आपको सैलरी मिलती हो और वो TDS कटने के बाद मिलती हो , फिर भी एडवांस टैक्स भरना होगा। अगर किराया , ब्याज , डिविडेंड या कैपिटल गेंस आदि भी आय होती है तो इन पर एडवांस टैक्स भरना होगा। सेल्फ एंप्लॉयड लोगों को सालभर की कुल आय का अनुमान लगाकर हर तिमाही में टैक्स देना होता है। अगर इस आय पर कुल टैक्स 10,000 रुपये कम बने तो यह टैक्स जमा कराने की जरूरत नहीं होती।
इनकम टैक्स बचा लेंअगर आपकी सालाना आय 5 लाख रुपये से ऊपर है और अब तक आपने टैक्स प्लानिंग पूरी नहीं की है या धारा 80 सी के तहत 1.50 लाख की डिडक्शन नहीं ली है या कोई दूसरा टैक्स फायदा नहीं लिया है तो जल्दी करें। अगर पुराना टैक्स सिस्टम चुना है तो आपको यह जरूर करना चाहिए , पुरानी टैक्स प्रणाली के मुताबिक आप इनकम टैक्स में फायदा पा सकते हैं। इस वक्त भी PPF, लाइफ इंश्योरेंस , ELSS, NSC, टैक्स सेविंग , बैंक डिपॉजिट आदि में से कोई भी विकल्प चुन सकते हैं। अगर इनकम टैक्स की धारा 80 सी के तहत मिलने वाली डिडक्शन पूरी हो गई है तो हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी रखकर भी कुछ टैक्स बचा सकते हैं। टैक्स फ्री निवेश का भी मौका है क्योंकि 31 मार्च 2022 के बाद निवेश करेंगे तो वह पहले साल यानी 2022-23 फाइनेंशियल ईयर के लिए माना जाएगा , ऐसे में राहत भी इस साल नहीं , अगले साल ही मिलेगी। सेक्शन 80 सी के तहत 1.50 लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स सेविंग कर सकते ह रकम ग्रॉस टोटल इनकम में से घट जाती है। इसी तरह 80 सीसीडी के तहत टैक्स बचाने के लिए NPS में 50,000 रुपये जमा करा सकते हैं।
PAN-AADHAAR लिंक करें
आधार कार्ड को पैन नंबर से जोड़ने की आखिरी तारीख 31 मार्च की है। सरकार ने पहले यह तारीख 30 सितंबर 2021 तक तय की थी , लेकिन इसे बढ़ाकर 31 मार्च 2022 तक कर दिया गया। यह समझाना होगा कि इन दोनों दस्तावेज़ों को एक - दूसरे से लिंक करना बेहद जरूरी है। अगर इन्हें लिंक नहीं कराया तो आधार कार्ड अमान्य हो सकता है। ऐसे में प्रोसेसिंग पर 1000 रुपये तक का फाइन भी लग सकता है। पैन कार्ड न चलने पर कई काम ठप हो सकते हैं। मान लें , आपको शेयर बाजार में निवेश करना है , म्यूचुअल फंड में या दूसरी किसी जगह पर निवेश करना हो , तो आप नहीं कर पाएंगे। इसलिए इस काम में अब और देरी न करें , अब भी यह काम नहीं किया तो फाइन देना पड़ सकता है।
PPF, NPS, SSY
अगर आपने PPF, NPS, SSY योजनाओं के अकाउंट खोले हैं ताकि उनमें निवेश कर सकें तो अकाउंट में इस साल भी न्यूनतम पैसा जरूर रखें। ऐसा न करने पर अकाउंट बंद हो जाएगा , दोबारा सक्रिय करने पर वक्त भी जाएगा और फाइन भी लगेगा। इसलिए वक्त रहते इसमें पैसा जमा कर दें। PPF के लिए न्यूनतम योगदान 500 रुपये है , NPS के लिए 1000 रुपये और सुकन्या समृद्धि योजना के अकाउंट को सक्रिय रखने के लिए हर साल 250 रुपये से कम जमा करने होते हैं। PPF अकाउंट में न्यूनतम राशि न होने पर हर साल 50 रुपये की पेनल्टी लगती है।
KYC की आखिरी तारीख 31 मार्च रिजर्व बैंक ने KYC पूरी कराने की आखिरी तारीख भी 31 दिसंबर 2021 से बढ़ाकर 31 मार्च 2022 तक कर दी थी। रिजर्व बैंक ने सभी फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशन्स को इस फाइनेंशियल ईयर में KYC पूरी न होने पर कोई कार्रवाई ना करने को कहा है। इसका मतलब अगले साल कार्रवाई हो सकती है। इसलिए कंज्यूमर्स को KYC के लिए अपना पैन कार्ड , पता , आधार या दूसरे डॉक्यूमेंट्स 31 मार्च 2022 तक अपडेट कराने होंगे , साथ ही अपनी ताजा तस्वीर और अन्य जानकारी देनी होगी।
Mutual Fund को आधार से लिंक करें म्यूचुअल फंड को भी निवेशकों के आधार नंबर से जोड़ा जा रहा है। एसेट मैनेजमेंट कंपनियों को सभी लोगों के आधार नंबर अपडेट करने होंगे और UIDAI से वेलिडेट कराने होंगे। इस तरह सभी म्यूचुअल फंड्स को आधार से जोड़ना जरूरी होगा। आधार को म्यूचुअल फंड से जोड़ने के लिए ऑनलाइन , ऑफलाइन , SMS या ईमेल का इस्तेमाल हो सकता है। अगर इसे आधार से नहीं जोड़ा गया तो आप अपने पैसे नहीं निकाल पाएंगे। इसलिए यह काम भी 31 मार्च से पहले निपटा लें।
शेयरों पर ऐसे बचाएं इनकम टैक्स अश्विनी गोयल शेयर बाजार का मुनाफा इनकम टैक्स के दायरे में आता है। सामान्यत : शेयर बाजार में 3 तरह के प्रॉफिट आते हैं :
Long Term Capital Gains (LTCG) इसमें वे मुनाफे आते हैं जिनमें किसी शेयर को कम से कम 12 महीने तक होल्ड करके रखा जाता है। ग्राहक इसके बाद ही उसे बेचता है।
Tax Rate: नेट प्रॉफिट पर 10% , पहले 1 लाख रुपये के प्रॉफिट पर कोई टैक्स नहीं लगता है
यह टैक्स सिस्टम 1 अप्रैल 2018 से लागू हुआ है। इससे पहले यह 100% फ्री था। हालांकि , निवेशकों को राहत देने के लिए इसमें एक क्लॉज जोड़ा गया है ; अगर किसी निवेशक ने बहुत पहले से ही कोई शेयर खरीदा है तो उसके लिए बेस रेट 31 जनवरी 2018 की कीमत वाला ही माना जाएगा। इसे बेहतर तरीके से समझते हैं : अगर किसी निवेशक ने 2005 में किसी से शेयर को ₹300 प्रति शेयर पर खरीदा था और वह 31 जनवरी 2018 तक बढ़कर ₹2000 प्रति शेयर हो गया हो , तो उस निवेशक के लिए बेस रेट ₹2000 माना जाएगा। ऐसे में अगर वह इन शेयरों को 31 अप्रैल 2018 को ₹2500 प्रति शेयर बेचता है तो उसकी कीमत ₹300 न मानकर ₹2000 मानी जाएगी और नेट प्रॉफिट ₹500 प्रति शेयर ही माना जाएगा।
Short Term Capital Gains (STCG) अगर किसी शेयर को 12 महीने के अंदर बेच दिया जाता है तो वह शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस कहलाता है।
टैक्स रेट : नेट प्रॉफिट पर 15 फीसदी
Derivatives यानी Business Income जो निवेशक डेरिवेटिव्स में काम करते हैं , यानी जो फ्यूचर्स और ऑप्शंस में ट्रेडिंग करते हैं या इक्विटी मार्केट के बहुत फ्रीक्वेंट ट्रेडर्स होते हैं , इसमें कमाया हुआ मुनाफा बिजनेस इनकम में ही माना जाता है। टैक्स रेट : सामान्य टैक्स स्लैब के आधार पर।
कानून के दायरे में हुए ऐसे बचाए टैक्स
तरीका 1: लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन में 1 लाख रुपये तक के प्रॉफिट पर कोई टैक्स नहीं लगता है। अगर किसी शेयर इन्वेस्टमेंट पर प्रॉफिट हो रहा है , लेकिन वह उसने बुक नहीं किया है तो एक साल में 1 लाख रुपये तक की छूट मिली हुई है। उसका उपयोग कोई फायदा नहीं हुआ है। इसके लिए निवेशक को चाहिए कि जिन शेयरों में उन्हें लॉन्ग टर्म फायदा हो रहा है , उसे 1 लाख रुपये तक बुक कर लें। फिर उन पैसों से वह अगले दिन भी शेयर खरीद सकता है , तब यह पिछले में नहीं गिना जाएगा। उदाहरण के लिए त्रिलोकनाथ ने एक कंपनी के 150 शेयर दिसंबर 2020 में ₹330 प्रति शेयर पर लिए थे। उन्होंने 1 लाख रुपये की छूट लेने के लिए ₹1125 प्रति शेयर पर पिछले हफ्ते बेच दिए। इन शेयरों को उन्होंने ₹48,500 में खरीदा था और बेचते समय इनकी कीमत ₹1,68,750 थी। नेट प्रॉफिट ₹1,20,250 हुआ , यानी टैक्स लगा इस अमाउंट पर 10% यानी ₹2025 रुपये।
तरीका 2: विना गुप्ता ने मौजूदा फाइनेंशियल ईयर में ही कुछ अच्छी कंपनियों के शेयर खरीदे थे। इसमें काफी अच्छा मुनाफा हुआ। यह मुनाफा था ₹4,05,500 । अगर वह प्लानिंग नहीं करतीं तो उन्हें 15% के हिसाब से ₹60,620 रुपये टैक्स लगता। उन्होंने कुछ शेयर लिए हुए थे Paytm के पॉलिसी बाजार के , जिनमें भारी नुकसान हो रहा था। उन्होंने यह नुकसान बुक कर लिया। नेट गेन उन्हें ₹3500 रुपये का हुआ , अब उनको सिर्फ ₹500 रुपये के करीब टैक्स देना होगा।
लेखक: Nam Securities Ltd. के फाउंडर डायरेक्टर हैं।